...

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होंगे हम
शरार होंगे
फ़रार होंगे
हम तुम्हे
बार बार होंगे

कल में होंगे
हर पल में होंगे
हम तुम्हारे अश्कों के
दलदल में होंगे

सज़ा में होंगे
मज़ा में होंगे
हर काम की तुम्हारे
वजह में होंगे

बारिश में होंगे
ख्वाहिश में होंगे
हम तुम्हारी हर
ज़ोर आज़माइश में होंगे

कानो में होंगे
गानों में होंगे
हम सारे तुम्हारे
ठिकानों में होंगे

सर में होंगे
घर में होंगे
ढूंढना मत हमें हम
दर-बदर में होंगे

जिस्म में होंगे
रिज़्म में होंगे
हम मोहब्बत की हर एक
किस्म में होंगे

किस्सों में होंगे
बिस्सों में होंगे
ज़िंदगानी की तुम्हारी
सारे हिस्सों में होंगे

हालात में होंगे
जज़्बात में होंगे
जिसे तुम चाहोगी हर उस
बरसात में होंगे

सफ़र में होंगे
बसर में होंगे
हर मर्ज़ की दवा के
असर में होंगे

नींदों में होंगे
ख़्वाबों में होंगे
तुम्हारी हर सुबह के
स्वादों में होंगे।।

होंगे नहीं बस मर्ज़ी में तुम्हारी,
मगर हमेशा हो तुम अर्ज़ी में हमारी।
© Vaartik