...

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उसी की बात हो रही है।

उपर से नीचे तक पूरी यूनिफॉर्म ,
बस ब्लैक शूज़ की जगह रेड चेक्स के जूते दिखे
तो समझ जाना उसी की बात हो रही है।

सुबह दस बज ने बस पांच मिनट बचे हों और
कोई हड़ बड़ाहट में भागती हुई लड़की दिखे
तो समझ जाना उसी की बात हो रही है।

जब इंतज़ार करना हो
और कोई बोले," में रुकती हूं न तुम्हारे साथ?"
तो समझ जाना उसी की बात हो रही है।

जब फंक्शन खत्म होने के बाद
कोई आया से पूछे," अपने खाना खाया?"
तो समझ जाना उसी की बात हो रही है।

जब कोई कंधे तक के बालों में
जुड़े का नेट लगाए हुए मिले
तो समझ जाना उसी की बात हो रही है।

जब मेसेज के जमाने में
कोई तुम्हे फोन कर के शुभ दिवाली बोले
तो समझ जाना उसी की बात हो रही है।

जब ठंड के मौसम में
कोई हाफ स्वेटर में दिखे
तो समझ जाना उसी की बात हो रही है।

जब किसी का नन्हा मुन्ना फोन
बार बार गिरता पड़ता रहे
तो समझ जाना उसी की बात हो रही है।

जब कोई अपने छोटे से काले बैग में से
इंच भर के मोटे रजिस्टर निकालता मिले
तो समझ जाना उसी की बात हो रही है।

जब टीचर उसका न सुने
तो तुम्हे ही वो अपनी बातें सुनाने लगे
तो समझ जाना उसी की बात हो रही है।

कनक कनक ते सौ गुनी मादकता अधिकाय।
ये खाए बौराए, वे पाए बौराय॥
बस समझ लो किसी कनक की ही बात हो रही है।


© Amitra