धड़क
मैं तेरी आवाज़ से धड़क जाता था।
तेरी हंसी से मेरा मन खनक जाता था ,
तौबा उस पे तेरी बातों का नशा ,
जो मेरे तन मन की तलब मिटा जाता था।
संगदिल...
तेरी हंसी से मेरा मन खनक जाता था ,
तौबा उस पे तेरी बातों का नशा ,
जो मेरे तन मन की तलब मिटा जाता था।
संगदिल...