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"माँ से ही सीखा है"
माँ से ही सीखा है,
माँ से ही जाना है..!
अपनी मंजिल के सफर को,
आसां कैसे बनाना है..!
गुज़रते हैं कई इस दिल से होकर,
पर माँ की ममता अनमोल खज़ाना है..!
चरणों में ज़न्नत,
करे पूरी हर मन्नत..!
डाँट फटकार या मिले दुलार,
सहज सरल अपनाना है..!
माँ है तो ये दुनिया हसीं,
माँ के बिना न कहीं ठिकाना है..!
माँ ही सर्वोपरि पूजनीय,
माँ से ही सम्पूर्ण जमाना है..!
© SHIVA KANT
माँ से ही जाना है..!
अपनी मंजिल के सफर को,
आसां कैसे बनाना है..!
गुज़रते हैं कई इस दिल से होकर,
पर माँ की ममता अनमोल खज़ाना है..!
चरणों में ज़न्नत,
करे पूरी हर मन्नत..!
डाँट फटकार या मिले दुलार,
सहज सरल अपनाना है..!
माँ है तो ये दुनिया हसीं,
माँ के बिना न कहीं ठिकाना है..!
माँ ही सर्वोपरि पूजनीय,
माँ से ही सम्पूर्ण जमाना है..!
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