...

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मुस्कुराते रहो तुम मेरे हमनवा
मुस्कुराते रहो तुम मेरे हमनवा
रूठ जाना तुम्हारा गवारा नहीं।
तुम मेरे धड़कनों में समाये हुये
ऐसा पल ना हुआ जब पुकारा नहीं।

नींद आती नहीं है तुम्हारे बिना
चैन आता नहीं है तुम्हारे बिना,
आके बाँहों में हमको छुपा लो सनम
तुम्हारे बिना अब गुजारा नहीं।

चाँद तारों में ढूँढा किया मैं तुम्हें
हर नजारों में ढूँढा किया मैं तुम्हें,
मेरी साँसों में खुशबू तुम्हारी बसी
तुम जो नहीं तो नज़ारा नहीं।

मुश्किलें लाख आए कोई गम नहीं
सारी दुनिया सताए कोई गम नहीं,
बस एक सहारा तुम्हारा मिले
तुम्हारे बिना कोई भी सहारा नहीं।

मेरे दर्दे दिल की दवा हो सनम
नहीं भूल पाऊँगा तुम्हारी कसम,
अपनी यादों से आजाद कर दो हमें
यह कह दो हमें कुछ ख़सारा नहीं।

© राकेश कुमार सिंह