जिंदगी के दर्द कुछ बढ़ से गए हैं !
आँखों में आंसू, सपनों में डर
और कंधे पर बोझ कुछ बढ़ से गए हैं,
आंसू गिरते नहीं, डर डराते नहीं
बोझ उतरते नहीं, बस बढ़ से गए हैं,
नींद...
और कंधे पर बोझ कुछ बढ़ से गए हैं,
आंसू गिरते नहीं, डर डराते नहीं
बोझ उतरते नहीं, बस बढ़ से गए हैं,
नींद...