...

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तुम सिर्फ तुम हो।

जानती हूं मैं दिल की साफ हो तुम।
दुनिया की चालाकियों से परे हो तुम ।
तुम्हें नहीं आता किसी का दिल दुखाना ।
तुम्हें नहीं आता तानो भरे जवाब देना।
तुम्हें तो आता है बेबाकी से निस्वार्थ प्रेम करना।
तुम्हें आता हैं सिर्फ अपना बनाना।
तुम्हें नहीं है दुनियादारी की समझ।
तुम्हें तो आता है अपने दिल की सुनना।
तुम्हें तो आता है सिर्फ स्वीकार करना।
तुम अपने आप में अपनी ही पहचान हो।
तुम्हें नहीं जरूरत किसी और के नाम से जाने जाने की ।
क्योंकि तुम सिर्फ तुम हो।
अपने आप के साथ रहना मत छोड़ना।
बस अपने हिसाब से जिंदगी को जीना।
ये मत भूलना कि तुम खुद ही खुद की एक पहचान हो ।
तुम सिर्फ तुम हो।
© Miss inspiration