...

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अनजान अनकही
अनचाहे ही
तेरी याद आती है
अनछुए से
स्पर्श
ओह
सिहर जाती हूं।
तड़प ऐसी
की
अश्क
बन कर निकलती
और चुप चुप
बोल जाती
किस के लिए
ये तो पता ही नही
कोई अनजान
अनकही
पहेली सी
जिंदगी
#अमृता।

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