...

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दोस्ती
हर दिन मिलना नहीं हुआ पर,दोस्ती में मिठास अब भी नई है
सुना है कल कोई पूछ रहा था, जुहू वाली कहां गई है
संगीत के क्षेत्र में सदैव ही निरंतर गतिमान हो तुम
विद्यालय की संस्कृति का अटूट स्वाभिमान हो तुम
अपने बारे में तो सबको,अभी सही-सही समझाना है
चंद घास के तिनकों को,तूफां भी तो दिखाना है
कुछ तो मिलेंगे बस तुम्हारी गलतियों पर उपहास करनेवाले
ये वही हैं,जो होते हैं दिमाग के घर से बाहर प्रवास करनेवाले
समझदार तुम हो ही,अब मेरी नादानी को...