गज़ल
2122 2122 212
कौन कहता है पुराना साज़ हूं
मैं नया लहज़ा नई आवाज़ हूं
हूं जरा सी एक चिंगारी अभी
मैं धधकते शोलों का आगाज़ हूं
जानने आए वो वापिस जा चुके
जान पाया ना कोई वो राज़ हूं
आप बीती ही कहूंगी आपसे
ये न सोचें मैं कोई...
कौन कहता है पुराना साज़ हूं
मैं नया लहज़ा नई आवाज़ हूं
हूं जरा सी एक चिंगारी अभी
मैं धधकते शोलों का आगाज़ हूं
जानने आए वो वापिस जा चुके
जान पाया ना कोई वो राज़ हूं
आप बीती ही कहूंगी आपसे
ये न सोचें मैं कोई...