नशा उन्मूलन-प्यासा के ग़ज़ल Pyasa poetry
एक ग़ज़ल प्यासा के...
चले हम इधर तुम उधर जाओ भाई ।
चले हम घर तुम भी घर जाओ भाई।
जो कहना हमें था सभी आदमी से,
जिसे है सुधरना सुधर जाओ भाई ।
ये जीवन नशे प गंवाओ न कोई ,
है कष्टदाई तुम डर जाओ भाई।
कोई बात ना है अगर ना सुनो तो,
अच्छा नही पी के मर जाओ भाई।
...
चले हम इधर तुम उधर जाओ भाई ।
चले हम घर तुम भी घर जाओ भाई।
जो कहना हमें था सभी आदमी से,
जिसे है सुधरना सुधर जाओ भाई ।
ये जीवन नशे प गंवाओ न कोई ,
है कष्टदाई तुम डर जाओ भाई।
कोई बात ना है अगर ना सुनो तो,
अच्छा नही पी के मर जाओ भाई।
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