...

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library: वक़्त की नजाकत
सोचा, आज बीते वक़्त को एक बार याद कर लूँ.
जिस शेल्फ पर आज इतनी धूल जमा हो गई है..
वैसे ही धूल एक वक़्त के लिए मेरे दिमाग में जम गई है..
वक़्त की नजाकत में आज ऐसे दौर बदला है..
कि खुद की रखी किताबें अब याद आने लगी हैं..
बीता वक़्त, गुजरे हुए लम्हें सब याद आने लगे हैं..
अच्छे थ जो लम्हे वो जेहन में उतर गए हैं..
जो बुरा वक़्त लेकर आये वो लम्हेे,, जिंदगी का एक बेहतरीन सबक देकर गए हैं..
हर इंसान अपना वजूद इन किताबों में ऐसे तरासता है..
जैसे मूर्तिकार अपनी...