...

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कर्म
#पहचान
बनेगा जो सास्वत वही आधार होगा,
पहचान तेरा नाम अपितु काम होगा;
आख़िरी सांस लेने से पहले,
इन फेफड़ों में जान भर ;
लिख दे अमिट कथा,
दिखा अपना अप्रतिम बल ।
आख़िरी झपकी से पहले,
इन नेत्रों का तेज ले ;
जलते हुए सूर्य पर,
गड़ा के रख अपनी नजर ।
ये कदम तेरे ना थमे
गर धरातल भी चूर हो ;
तू है अडिग, तू है अमित
हर लक्ष्य तेरे अधीन हो ।
संबल, सयंम और विवेक से ;
सम्मान तेरा आज होगा।
हर कर्म रचना कर रहा जिसकी
वह कर्म भविष्य तेरे का प्रधान होगा ।


© TofN