...

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सुनो
सुनो
बात चांद तारों की कहाँ की मैंने
मन से उदासी तो हटाओ लेकिन,
ठीक है तुम नहीं हमारे
इश्क खुद से तो निभाओ लेकिन|

मेरा क्या है कि बीत जाऊँगा,
एक दिया अपने सुने आंगन में
ख़ुद जलाओ लेकिन;
माना कि हम गैर हैं
जिंदगी तो तुम्हारी अपनी है ,
जो रूठ गयी है
अपनी दिलकश अदाओं से इसे
रिझाओ लेकिन |

और सूरज तयारी में है
छाने की अम्बर पे ,
हाँ, खुद खिडकियों से पर्दे
तो हटाओ लेकिन |



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