दोष किसका?
जिसने जीवनदान दिया,
प्रकृति का निर्माण किया,
फूल, पौधे, पानी, हवा,
देकर मुझपर बड़ा एहसान किया।
उस धरती माँ को
क्यों मिले इतना दुख।
क्या मानव सही है,
जरा अपने आपसे पूछ?
क्या कभी तूने सोचा
आखिर है दोष किसका?
पीने को पानी,
एक वरदान था मिला।
मैने किया उसका
नदी से नाला।
जिस मिट्टी ने
रहने को पनाह दी,
मैने उसी...
प्रकृति का निर्माण किया,
फूल, पौधे, पानी, हवा,
देकर मुझपर बड़ा एहसान किया।
उस धरती माँ को
क्यों मिले इतना दुख।
क्या मानव सही है,
जरा अपने आपसे पूछ?
क्या कभी तूने सोचा
आखिर है दोष किसका?
पीने को पानी,
एक वरदान था मिला।
मैने किया उसका
नदी से नाला।
जिस मिट्टी ने
रहने को पनाह दी,
मैने उसी...