...

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banjara
यादो में तुम्हारे कुछ यूं उलझे
पलको तले दिन रात बस तुम्हारे ही ख़ाब साजे
मगर जब रिहा किया तुम्हारे दिल के इस रिश्ते से
बंजारा बन गए गालिब, कहीं के न बचे....
© piyusha's