भागम भाग
हम किस ओर भाग रहे है,
अपनो की भीड़ मैं हम क्यों घुम होते जा रहे है।
पहचान बनाने की कोशिश मैं जुटे,
हम अपनी उम्र क्यों खर्च करते जा रहे है।
हम अब यह किस ओर जा रहे है।
इस भागम भाग की जिंदगी मैं,
अपनो के साथ चाय की चुस्कियां लिए ज़माना हो गया,
घर मे माँ की हाथ से खाये संवाद का मज़्ज़ा फीका हो गया।
आफिस के बास्ते को उठाये,
यह भर जिमेदारी मैं कब बदल गयी,
और जिम्दारियों के नाम पे सपनो को कुचलना क्या लाज़मी था?
यह हम किस ओर जा रहे है?
यह चार...
अपनो की भीड़ मैं हम क्यों घुम होते जा रहे है।
पहचान बनाने की कोशिश मैं जुटे,
हम अपनी उम्र क्यों खर्च करते जा रहे है।
हम अब यह किस ओर जा रहे है।
इस भागम भाग की जिंदगी मैं,
अपनो के साथ चाय की चुस्कियां लिए ज़माना हो गया,
घर मे माँ की हाथ से खाये संवाद का मज़्ज़ा फीका हो गया।
आफिस के बास्ते को उठाये,
यह भर जिमेदारी मैं कब बदल गयी,
और जिम्दारियों के नाम पे सपनो को कुचलना क्या लाज़मी था?
यह हम किस ओर जा रहे है?
यह चार...