सब कहते है ....
की कोई भूल गया मुझे
तो कोई चाहता है मैं सोती ही रह जाऊ।।।।
न देख पाऊं सवेरा कोई ,,,दुनिया ही छोड़ जाऊ।।।।
की कोई छोड़ गया मुझे
तो कोई चाहता है मैं अपना चेहरा ही न दिखाऊं।।।।
रिश्ता भी मैं बनाऊं और उस रिश्ते में मैं रह भी न पाऊं।।।।
की कोई कहता है गलत मुझे
तो कोई चाहता है मैं चुप ही हों जाऊ।।।
सुन सकती हूं जितना बुरा चुपचाप सुन लूं,,वरना मैं बेहरी हो जाऊ।।।।
कि कोई चाहता है खुश देखना मुझे
तो कोई चाहता है मैं जख्मों से उभर ही न पाऊं।।।
ज़िंदा लाश बन कर जीयु,,अच्छा बुरा सब भूल जाऊ।।।।
कि कोई कहता है मार दू चाहतों को अपनी ,,,
तो कोई कहता है में अपने सपनों को आग लगाऊं।।।
खो दू खुद को ,,, जैसा जो चाहे बस उसके रंग में रंग जाऊ।।।।
© vandana singh
तो कोई चाहता है मैं सोती ही रह जाऊ।।।।
न देख पाऊं सवेरा कोई ,,,दुनिया ही छोड़ जाऊ।।।।
की कोई छोड़ गया मुझे
तो कोई चाहता है मैं अपना चेहरा ही न दिखाऊं।।।।
रिश्ता भी मैं बनाऊं और उस रिश्ते में मैं रह भी न पाऊं।।।।
की कोई कहता है गलत मुझे
तो कोई चाहता है मैं चुप ही हों जाऊ।।।
सुन सकती हूं जितना बुरा चुपचाप सुन लूं,,वरना मैं बेहरी हो जाऊ।।।।
कि कोई चाहता है खुश देखना मुझे
तो कोई चाहता है मैं जख्मों से उभर ही न पाऊं।।।
ज़िंदा लाश बन कर जीयु,,अच्छा बुरा सब भूल जाऊ।।।।
कि कोई कहता है मार दू चाहतों को अपनी ,,,
तो कोई कहता है में अपने सपनों को आग लगाऊं।।।
खो दू खुद को ,,, जैसा जो चाहे बस उसके रंग में रंग जाऊ।।।।
© vandana singh