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नख शिख वर्णन
शुचितर हिय तन सौंदर्य निर्विकार
मुख मंडल पर ज्योति प्रखर का प्रसार
भास्वर ललाट, अनिंद्य लावण्य लोकोत्तर वर
तुम सौरभमयी देवी, चरित्र अति सुघर

ज्योत्स्ना निर्मित देह, केश.. ज्यों जलधि नभ उर छाया
कलित निर्धूम शिखा सा यौवन बस तुम ने ही तो पाया
व्यक्तित्व कौस्तुभमय मायावरण नयन द्वय
कांति ज्यों सूर्य ने किया तुम में विलय
© कैलाश

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