...

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इंसानियत
अगर बैठे-बैठे तुमको कोई काम नहीं
तो सुनो ज़रा! ये काम करो
हिन्दू, मुस्लिम, सिक्ख,ईसाई से फुर्सत मिल जाये
तो कुछ वक़्त इंसानियत के नाम करो

ना धर्म का कोई किस्सा हो
ना मज़हब की कोई बातें हो
अगर धर्म के नाम पर हिंसा से फुर्सत मिल जाये
तो इन जंजीरों के क़ैद से इंसानियत को आज़ाद करो

ना हरा हो, ना भगवा हो
हिन्दुस्तान के प्यारे तिरंगे से तुम प्यार करो
अगर धर्म की बहुत फिक्र है तो गीता और कुरान पढ़ो
कोई धर्म नहीं बताता आपस में बैर रखना
यूँ मज़हब को ना तुम बदनाम करो

ना राजनीति की काली कोठर हो
ना अफवाहों के बाज़ार गर्म
अब धर्म के नाम पर ना आग लगे
प्राणों की आहुति से मिली
इस आज़ादी का लिहाज करो।
- रश्मि ✍