अश्क तेरे
गिरे जब अश्क तेरे, मेरे ज़ख़्मों पर
सच कहता हूँ मेरे चोट का ये दवा बन गया
माना कि अभी ज़ख़्म गहरे मगर
दर्द का नाम-ओ-निशान मिट गया
पड़े थे गुलाब मेरे किताबों में तेरे नाम के
अब...
सच कहता हूँ मेरे चोट का ये दवा बन गया
माना कि अभी ज़ख़्म गहरे मगर
दर्द का नाम-ओ-निशान मिट गया
पड़े थे गुलाब मेरे किताबों में तेरे नाम के
अब...