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प्रिय मां
याद है आपको जब मैं बचपन में एक दिन स्कूल से रोते हुए घर आया था। क्यों कि मैं उस दिन स्कूल के खेल प्रतियोगिता में हार गया था। और आपने कहां था कोई बात नहीं तुम अगले बरस फिर से भाग लेना और दुगुनी मेहनत करना फिर देखना वो ट्रौफी तुम्हें कैसे नही मिलेंगी ..?विश्वास वह पर्वत है जो हर मुश्किल को आसान कर देता है। आपका दिया हुआ हुआ वह मंत्र ही
मेरे काम आया और मेरी कामयाबी का वजह बना।आज आप ही की बदौलत मैं इस मुकाम पर हूं। अगर आप ने उस दिन मुझे समझाया नहीं होता तो पता नहीं आज मैं कहां होता..??आई लव यू मां..आपकी बड़ी...