...

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हम पहले जैसे न रहे
कल मिले थे तुम्हें जैसे, हम वैसे न रहे..!
हां सच है ये अब हम पहले जैसे न रहे .!

तेरी पूरी हो दुआ, तुझे दिल से दुआ देती हूं मैं..!
मेरी ज़िन्दगी तुझसे, हर जख्म छुपा लेती हूं मैं..!
बोल दूं दर्द ए दिल तूझसे कि तुम वैसे ना रहे..!
हां सच है ये अब हम भी पहले जैसे न रहे .!!

तेरी यादों पर नमक ए मरहम लगा लेती हूं मैं..!
मन में उठते सवाल को मन में दबा देती हूं मैं..!
पूंछ लूं हर राज कि रिश्ते अपने वैसे ना रहे..!
हां सच है ये अब हम भी पहले जैसे न रहे .!!

तेरे "I love you" में अपनी झूठी हंसी घोल देती हूं मैं..!
न लगे बुरा तुझे कि "love you too" बोल देती हूं मैं..!!
तुमपर करूं गुस्सा कि मेरे हक़ वैसे ना रहे..!
हां सच है ये अब हम भी पहले जैसे न रहे .!!

कल मिले थे तुम्हें जैसे, हम वैसे न रहे..!
हां सच है ये अब हम पहले जैसे न रहे .!

© वज़ह