...

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मेरा एक तारा
मेरा एक तारा
जिसका मैं प्यार

जिसे मैं करता बाते
होती अक्सर तन्हाई
में मुलाकाते

रोशन करता रात मेरी
जब ना करता कोई बात
मुझसे बस वो सुनता

दूर कितना भी कही
जाऊ वहा वो आता

मैने पूछा रोज क्यू आते
हो तो बोला तारा
खाली गगन सुना अच्छा
नही लगता मैं बस टिमटिमा
देता हूं और तुम मुझे देख
मुस्का देते

आदत कहो या अब यही
जीवन एक तुझ सा
सहारा अच्छा लगता है

ये आसमा भी तारे संग अच्छा
लगता है

मेरा एक तारा
जिसका मैं प्यारा
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