तेरी ख्वाहिश पे ही जिंदा हूं
तेरी यादों की कई सूरत हैं
मैं किस चेहरे पर जाऊँ
तेरी ख्वाहिश पे ही ज़िंदा हूँ
तेरी ख्वाहिश पे ही मर जाऊँ..!!
सपने सपने उड़ती है नींद मेरी
आवारा फिरती है उम्मीद मेरी
अब इक ही ज़रिया है
आंखों का दरिया है
इस दरिया में डूबुं या तर जाऊँ
तेरी ख्वाहिश पे ही ज़िंदा हूँ...
मैं किस चेहरे पर जाऊँ
तेरी ख्वाहिश पे ही ज़िंदा हूँ
तेरी ख्वाहिश पे ही मर जाऊँ..!!
सपने सपने उड़ती है नींद मेरी
आवारा फिरती है उम्मीद मेरी
अब इक ही ज़रिया है
आंखों का दरिया है
इस दरिया में डूबुं या तर जाऊँ
तेरी ख्वाहिश पे ही ज़िंदा हूँ...