// काश कुछ ऐसा होता //
// काश कुछ ऐसा होता //
लिखती एक कहानी, जिस पात्र के बारे में सोचती,
जीवित रूप में आकर, अपनी दावेदारी खुद ही बता जाता,
अपना बहूकिमती वकतव्य हर बार समझा जाता,
जो मैं लिख नहीं पाती उसे भी एक खूबसूरत आयाम दे जाता,
मेरी भावनाओं की गम्भीरता को समझता,
काश कुछ ऐसा होता, पर अफसोस ऐसा हो नहीं सकता, ...
लिखती एक कहानी, जिस पात्र के बारे में सोचती,
जीवित रूप में आकर, अपनी दावेदारी खुद ही बता जाता,
अपना बहूकिमती वकतव्य हर बार समझा जाता,
जो मैं लिख नहीं पाती उसे भी एक खूबसूरत आयाम दे जाता,
मेरी भावनाओं की गम्भीरता को समझता,
काश कुछ ऐसा होता, पर अफसोस ऐसा हो नहीं सकता, ...