शीर्षक - नीलकंठ।
शीर्षक - नीलकंठ।
कमल अधर नयन बाण।
नीलकंठ दिखाते विषपान।
औघड़ घूमे बनकर बाबा,
छोड़ कैलास वास मसान।
बिच्छु कुंडल धारते कान।
मन को मोहे उनके घ्राण।
डमरू नाद त्रिशूल उन्माद,
रहते सदा शांत मुद्रित ध्यान।
सोम...
कमल अधर नयन बाण।
नीलकंठ दिखाते विषपान।
औघड़ घूमे बनकर बाबा,
छोड़ कैलास वास मसान।
बिच्छु कुंडल धारते कान।
मन को मोहे उनके घ्राण।
डमरू नाद त्रिशूल उन्माद,
रहते सदा शांत मुद्रित ध्यान।
सोम...