एक मौका और
एक मौका और, एक मौका और बस आखरी बार एक मौका और, कितने आखरी मौके मैं देती रही,
खुद को तोड़ तोड़ मैं इस रिश्ते को बुनती रही।
आखरी मौका, कभी आखरी न हो पाया,
मैं रिश्ता बुनती रही और खुद को खत्म करती रही।
किसी...
खुद को तोड़ तोड़ मैं इस रिश्ते को बुनती रही।
आखरी मौका, कभी आखरी न हो पाया,
मैं रिश्ता बुनती रही और खुद को खत्म करती रही।
किसी...