“Mohabbat”
इक लफ़्ज़ मोहब्बत हुई थी जब
हम तन्हा तन्हा रहते थे
उस तन्हाई में खुश भी थे
उस तन्हाई के आदी थे
न लगता था कुछ इतना बुरा
यूँ तन्हा तन्हा रहना भी
न आदत थी किसी और की ही
न लगी ज़रूरत ही...
हम तन्हा तन्हा रहते थे
उस तन्हाई में खुश भी थे
उस तन्हाई के आदी थे
न लगता था कुछ इतना बुरा
यूँ तन्हा तन्हा रहना भी
न आदत थी किसी और की ही
न लगी ज़रूरत ही...