अरे ओ जिंदगी...
तपिश का है रास्ता...
और मौसम गर्म है...
जिंदगी छीनते हारती नहीं...
यह कितनी बेशरम है...
जो भी लिया है हमसे...
मुद्दल के संग सूत भी वसूलेंगे...
जब हम हासिल करने पर आए...
तेरा तुझे सब कुछ हमें सौंपना होगा...
दम है तो रोक...
तुझे हमे...
और मौसम गर्म है...
जिंदगी छीनते हारती नहीं...
यह कितनी बेशरम है...
जो भी लिया है हमसे...
मुद्दल के संग सूत भी वसूलेंगे...
जब हम हासिल करने पर आए...
तेरा तुझे सब कुछ हमें सौंपना होगा...
दम है तो रोक...
तुझे हमे...