...

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तुझ बिन मैं अधुरी हूं
मैं धुन किसी सुरीली राग की,
उस राग का तू गीत प्रिय ।
मैं तेरे अंदर की चंचलता
तू मेरा समझदार प्रिय
सर्दी की मैं धूप हुई,
तू तपती धूप का छांव प्रिय ।
तुझ बिन मैं अधुरी हूं
मुझ बिन तू भी पूरा कहां ।

मैं तेरी अंग्रेजी की आडंबरी
तू मेरा शब्दकोश प्रिय
मैं बड़बोली जो हुई
तो तूने शांत स्वभाव चुना
मैं तेरी चाय का नशा
तू मेरी गहरी नींद प्रिय
तुझ बिन मैं अधुरी हूं
मुझ बिन तू भी पूरा कहां ।

जो मैं...