चला जा रहा हूं
चला जा रहा हूं...
जहां मन ले जा रहा है...
ना कोई है संगी...
ना कोई है साथी...
मन तो बस रमता है जोगी...
न कोई हे रिश्ता...
ना कोई रिश्तेदार है...
अब ना मन...
किसी के लिए बेकरार है...
न भावनाएं हैं...
ना तमन्नाएं हैं...
अब तो बस...
प्रभु में लीन भक्ति...
और भक्ति में प्रभु हैं ...
ना जीने की तमन्ना ...
न मरने का गम है ...
में खुश हूं कि ये सफर...
किसी रोमांच से कम है ...
चला जा रहा हूं ...
जहां मन ले जा रहा है ...
ना...
जहां मन ले जा रहा है...
ना कोई है संगी...
ना कोई है साथी...
मन तो बस रमता है जोगी...
न कोई हे रिश्ता...
ना कोई रिश्तेदार है...
अब ना मन...
किसी के लिए बेकरार है...
न भावनाएं हैं...
ना तमन्नाएं हैं...
अब तो बस...
प्रभु में लीन भक्ति...
और भक्ति में प्रभु हैं ...
ना जीने की तमन्ना ...
न मरने का गम है ...
में खुश हूं कि ये सफर...
किसी रोमांच से कम है ...
चला जा रहा हूं ...
जहां मन ले जा रहा है ...
ना...