😘Amazing poem --- फ़लसफ़ा (philosophy)
हर इंसान का
अपना फ़लसफ़ा हैं।
कोई खुशी से जी रहा है
तो कोई खुद से ही खफ़ा है।
कोई खुद से ही दबा हैं
तो किसी पर किसी का दबदबा है।
कोई खुद ही संशय ( doubt) है।
तो कोई संशय से घिरा हुआ है।
बस यूं ही मोहमाया का सरफिरा है।
डर से मुस्कराना
डर में मुस्कराना
वो भी सीख रहा है।
वो पराया ये अपना
तो अफवाह है।
यह सबका मामला सफ़ा है।
कोई इक पल महसूस तो करे
क्यों डर से डरे ।
कमसकम दिल- ए- नज़ाकत
महफूज़ तो रहे ।
Hope you guys love 💝 it .
THANK YOU🤗💕 FOR BEING TILL THE END.
अपना फ़लसफ़ा हैं।
कोई खुशी से जी रहा है
तो कोई खुद से ही खफ़ा है।
कोई खुद से ही दबा हैं
तो किसी पर किसी का दबदबा है।
कोई खुद ही संशय ( doubt) है।
तो कोई संशय से घिरा हुआ है।
बस यूं ही मोहमाया का सरफिरा है।
डर से मुस्कराना
डर में मुस्कराना
वो भी सीख रहा है।
वो पराया ये अपना
तो अफवाह है।
यह सबका मामला सफ़ा है।
कोई इक पल महसूस तो करे
क्यों डर से डरे ।
कमसकम दिल- ए- नज़ाकत
महफूज़ तो रहे ।
Hope you guys love 💝 it .
THANK YOU🤗💕 FOR BEING TILL THE END.