"चिंगारी"
वो इक़ रात अंधियारी छोड़ गया है
चाँद.. अपनी चाँदनी सारी छोड़ गया है,
स्वप्न मरुस्थल आंखों में दरिया
वो यह कहाँ कश्ती हमारी छोड़ गया है,
लग जाती है छूने भर से
क़ाबख्त..कोई...
चाँद.. अपनी चाँदनी सारी छोड़ गया है,
स्वप्न मरुस्थल आंखों में दरिया
वो यह कहाँ कश्ती हमारी छोड़ गया है,
लग जाती है छूने भर से
क़ाबख्त..कोई...