एक नायाब सी पसंद
एक मासूम पर नटखट सी लड़की थी
प्यारी उनकी हर एक अदाकारी थी
अपने नशिले आवाज़ से वो हमसे बात करती थी
हर एक बात उनकी हमारा मन मदहोश कर देती थी
अपनी मुस्कान से हर एक पल खुशियों से भर देती थी
वो मुझे मेरी ही जीवनसंगिनी लगती थी
खुद को सामने रखने से वो डरती थी
कुछ अंदर तो कुछ बाहर ऐसे ही भावनाओ को रखती थी
फिक्र हमारी खुद से भी ज्यादा करती थी
पर कभी कभी कुछ बातो में कंजूसी भी करती थी
...
प्यारी उनकी हर एक अदाकारी थी
अपने नशिले आवाज़ से वो हमसे बात करती थी
हर एक बात उनकी हमारा मन मदहोश कर देती थी
अपनी मुस्कान से हर एक पल खुशियों से भर देती थी
वो मुझे मेरी ही जीवनसंगिनी लगती थी
खुद को सामने रखने से वो डरती थी
कुछ अंदर तो कुछ बाहर ऐसे ही भावनाओ को रखती थी
फिक्र हमारी खुद से भी ज्यादा करती थी
पर कभी कभी कुछ बातो में कंजूसी भी करती थी
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