...

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महोब्बत में हार
समंदर रहता था मेरे कदमो में,
मैं तो डूबा हु अपनी आंखों के अक्सों में।
मैं कहता था उसको दुनिया,
उसने आखिर बता ही दिया दुनिया को छोड़ना पड़ता हैं।
आंखों में नींद की शाखे झड़ गई,
मेरे सारे ख़्वाब बिखर गए,
मैं चाहता था दुनिया देखु,
मेरे कमरे के दरवाजे बंद हो गए
ओर हम अंदर ही रह गए।
माँ ने मुझे हर हाकिम से इलाज कराया,
अब तो मुझे शहर के सारे हाकिम जानते हैं।
यह तमाशा हमें नही होने देना,
मेरी ज़िंदगी की कहानी में कई किरदार है,
मगर तेरी जगह किसी ओर को नही होने देना।
मेने मांगा था तुझे दुआओ में,
लगता है किसी की बदुआओ ने मेरी दुआ रोक दी।
मैं खुश था ऊपर वाले का इंसाफ होने वाला है,
मेरे हक में ज़िन्दगी नही थी तो मौत आएगी,
ओर मौत रोक ली गई और ज़िन्दगी भी छीन ली गई,
मेरे हिस्से में फकत सांसे छोड़ दी।
मेरी कब्र पर एक घर बना देना,
उसमे सिर्फ मोहोब्बत में हारे लोगो को ही रहने देना
© Verma Sahab