क्यों न चाहूँ तुम्हें
क्यों न चाहूँ तुम्हें, तुम साथ हो या ना हो
शब्दों में बयां नहीं होता ये एहसास,
क्यों न चाहूँ तुम्हें, तुम साथ हो या ना हो।
तुम्हारी यादों में खो जाता हूँ मैं,
हर पल तेरा ही ख्याल आता है।
दिल की धड़कन तेरी ही गूंज है,
सांसों में तेरी ही खुशबू है।
तुम साथ हो तो दुनिया रोशन है,
तुम दूर हो तो सब अंधेरा है।
नहीं चाहिए मुझे कोई और,
बस तेरा ही साथ चाहिए।
क्यों न चाहूँ तुम्हें, तुम साथ हो या ना हो।...
शब्दों में बयां नहीं होता ये एहसास,
क्यों न चाहूँ तुम्हें, तुम साथ हो या ना हो।
तुम्हारी यादों में खो जाता हूँ मैं,
हर पल तेरा ही ख्याल आता है।
दिल की धड़कन तेरी ही गूंज है,
सांसों में तेरी ही खुशबू है।
तुम साथ हो तो दुनिया रोशन है,
तुम दूर हो तो सब अंधेरा है।
नहीं चाहिए मुझे कोई और,
बस तेरा ही साथ चाहिए।
क्यों न चाहूँ तुम्हें, तुम साथ हो या ना हो।...