कांटों के गुलदस्ते....
दिल अब इस उम्मीद मैं नादान हुआ है,
उसके हाथों की मेहंदी पर मेरा नाम हुआ है,
सुन नादान ए दिल क्या इस दुनिया मे हर लफ्ज़ तेरे नाम हुआ है?
क्यों जख्म कुरतते हों नया?
क्यों तुम्हे...
उसके हाथों की मेहंदी पर मेरा नाम हुआ है,
सुन नादान ए दिल क्या इस दुनिया मे हर लफ्ज़ तेरे नाम हुआ है?
क्यों जख्म कुरतते हों नया?
क्यों तुम्हे...