हादसा??...
लाशों के बीच ढूँढ रहे हैं वो अपने
चकनाचूर हुए हैं तमाम मासूम लोगों के सपने
मंज़िल तक पहुँचने का सबने लिया तो था टिकट
क्या मालूम था परिस्थितियाँ इस तरह हो जायेंगी विकट
निकले थे उम्मीद से कि पहुंचेंगे जल्दी ही अपने घर
ये कैसी विडम्बना कि छा गया इतना खौफ़ मंज़र
टुकड़े टुकड़े बिखरा पड़ा है...
चकनाचूर हुए हैं तमाम मासूम लोगों के सपने
मंज़िल तक पहुँचने का सबने लिया तो था टिकट
क्या मालूम था परिस्थितियाँ इस तरह हो जायेंगी विकट
निकले थे उम्मीद से कि पहुंचेंगे जल्दी ही अपने घर
ये कैसी विडम्बना कि छा गया इतना खौफ़ मंज़र
टुकड़े टुकड़े बिखरा पड़ा है...