खेल सियासत का
सियासत का खेल
अजब गजब ही खेल होता है
बस कुर्सी के लिए ही झमेल होता है।।
किसी के होते है वारे न्यारे तो
किस को दिख जाते दिन में तारे।।
होती खूब है जोर आजमाइश
पूरी होगी सब की फरमाइश।।
बेहतर बनने की लगती है होड़
करते रहते एक दूजे का भंडा...
अजब गजब ही खेल होता है
बस कुर्सी के लिए ही झमेल होता है।।
किसी के होते है वारे न्यारे तो
किस को दिख जाते दिन में तारे।।
होती खूब है जोर आजमाइश
पूरी होगी सब की फरमाइश।।
बेहतर बनने की लगती है होड़
करते रहते एक दूजे का भंडा...