दामन...
दामन थामने दोगी क्या
विश्वास तो वैसे भी
तुम नहीं करतीं हो
विश्वास बनने दोगी क्या
जानता हूं कई बार टूटीं हो
जानता हूं तुम्हारी हाथों...
विश्वास तो वैसे भी
तुम नहीं करतीं हो
विश्वास बनने दोगी क्या
जानता हूं कई बार टूटीं हो
जानता हूं तुम्हारी हाथों...