निर्देशोंविनानकशो
#निर्देशोंविनानकशो
ऐ राही सुनता दिल की
चलता किनारे
अपना रास्ता पकड़
दिशा बनाता खुद सही
ना जरूरत होती किसी यंत्र की
जरूरत होती बस खुद के मन की
कभी होता रास्ता गलत
कभी होता छलावा
दिशाओं का सही ज्ञान हो
तो नहीं होता बहकावा
सूरज है परछाई है उसके यंत्र
ना खोने का डर ना चोरी का भय
सूरज हो साथ तो किस बात का डर
हो अगर दृढ़ निश्चय तो नहीं रुकता ये सफर...
©veevek
ऐ राही सुनता दिल की
चलता किनारे
अपना रास्ता पकड़
दिशा बनाता खुद सही
ना जरूरत होती किसी यंत्र की
जरूरत होती बस खुद के मन की
कभी होता रास्ता गलत
कभी होता छलावा
दिशाओं का सही ज्ञान हो
तो नहीं होता बहकावा
सूरज है परछाई है उसके यंत्र
ना खोने का डर ना चोरी का भय
सूरज हो साथ तो किस बात का डर
हो अगर दृढ़ निश्चय तो नहीं रुकता ये सफर...
©veevek