...

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मैं फ़ना हूँ मुहब्बत
ये वक्त बदलेगा तो हम भी बदल जायेंगे
फूल बनकर तेरे गजरे में महक जायेंगे
गुमशुदा मैं नहीं बदला है नजरिया तुमने
ख्वाब तो देख तेरी नज़रों में ठहर जायेंगे
चाँदनी रात में निकलो कभी ऐ-मेरे सनम
शबनमीं इश्क़ लिए होठों से चिपक जायेंगे
जुस्तजू तेरी लिए भटकते हैं जज्बात मेरे
आवाज मुझे दे दो तेरे पहलू में चले आयेंगे
ये जिस्म मरते हैं मुहब्बत रही आबाद सदा
याद रखना तुम मुझे लौटकर फिर आयेंगे
ये वक्त बदलेगा तो हम भी बदल जायेंगे
फूल बनकर के तेरे गजरे में महक जायेंगे