ग़ज़ल
तीरगी को रोशनी से मारिये तीरगी(अन्धकार)
दुश्मनी को दोस्ती से मारिये
हम तुम्हारे चाहने वालों में थे
हमको थोड़ा आजिज़ी से मारिये आजिज़ी(विनम्रता)
आपको क्या है ज़रूरत तेग़ की ...
दुश्मनी को दोस्ती से मारिये
हम तुम्हारे चाहने वालों में थे
हमको थोड़ा आजिज़ी से मारिये आजिज़ी(विनम्रता)
आपको क्या है ज़रूरत तेग़ की ...