थोड़ा खुद से भी प्यार कर लो..💝
चलते चलते जीवन के सफ़र में
एक अनोखी आवाज़ सुनने को आई
कभी हँसती थी कभी रोती थी वोह
दूर से लगती थी धुंधली धुंधली परिछायी
बात भी उसकी कुछ समझ नहीं आती थी,
वोह बार-बार बतलाती थी
कि तुम्हारी कितनी अच्छी दुनिया है,
जितने भी वहम है मन में सब महज गलतफहमियां हैं
आत्मविश्वास का परचम लेके...
एक अनोखी आवाज़ सुनने को आई
कभी हँसती थी कभी रोती थी वोह
दूर से लगती थी धुंधली धुंधली परिछायी
बात भी उसकी कुछ समझ नहीं आती थी,
वोह बार-बार बतलाती थी
कि तुम्हारी कितनी अच्छी दुनिया है,
जितने भी वहम है मन में सब महज गलतफहमियां हैं
आत्मविश्वास का परचम लेके...