...

13 views

veh kaisa insaan hai .....
रूह से रूहानियत गायब हो चुकी है
इंसान से इंसानियत गायब हो चुकी है
ना कोई किसी के सिरहाने खड़ा है
खुद को आगे बढ़ाने का जुनून सबके सिर पर चढ़ा है
सामने तो कहते हैं ,कि हम आपके साथ हैं
पर पीठ पीछे खंजर भोंकने का गम इन सबसे बड़ा है
जिंदगी में दुख है सबके साथ
पर दुख का कारण इन से भी बड़ा है
उम्मीदों का दामन थाम कर
जहां जहां चलना चाहते थे
वहीं पर हर इंसान
धोखे की तलवार लेकर खड़ा...