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लेन-देन
तुम्हारा और मेरा रिश्ता लगता ही नहीं था,
बस मुझे मुगालता था।
तुम मेरे वाहिद अपने थे , तुम्हारा बेगानापन फिर मुझे सालता था।
मुझे प्यार था तुमसे, एक खरीददार की रकम की तरह।
तुमने इंकार कर दिया मोहब्बत से, मलकियत जो दुकानदार की तरह।
मैं चाहे जो कीमत चुका सकती हूं तुम्हारी होने की
मगर तुम्हारे ढंग का अंदाजा लगाया मैंने जो इंकार की तरह।
© light of sun
बस मुझे मुगालता था।
तुम मेरे वाहिद अपने थे , तुम्हारा बेगानापन फिर मुझे सालता था।
मुझे प्यार था तुमसे, एक खरीददार की रकम की तरह।
तुमने इंकार कर दिया मोहब्बत से, मलकियत जो दुकानदार की तरह।
मैं चाहे जो कीमत चुका सकती हूं तुम्हारी होने की
मगर तुम्हारे ढंग का अंदाजा लगाया मैंने जो इंकार की तरह।
© light of sun
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