तेरे ऑंचल में
थका निराश मन
खोजता है सुकून
प्रकृति, बस तेरे ऑंचल में।
विस्तृत सुरभित आनन
इक ओर सुदीर्घ नव कानन
चिड़ियों का कलरव मधुर
इक धार नदी की पावन।
थक जाता हूॅं तब आता हूॅं
कोई साथ नहीं जब...
खोजता है सुकून
प्रकृति, बस तेरे ऑंचल में।
विस्तृत सुरभित आनन
इक ओर सुदीर्घ नव कानन
चिड़ियों का कलरव मधुर
इक धार नदी की पावन।
थक जाता हूॅं तब आता हूॅं
कोई साथ नहीं जब...