...

7 views

हे कृष्ण, संग चलना ऐसे कि मैं हिम्मत के साथ आगे का कदम बढाऊं।
हे कृष्ण,
मै समझने में असमर्थ हूं ,
कि मेरे जीवन का यह कौन सा मोड़ आ गया है ।
इतना अधूरापन और इतना खालीपन का यह कौन सा दौर आ गया है ।
अब और सहने की क्षमता मुझमें नहीं,
कष्टों भरा रास्ता यह सामने आ गया है।

हे कृष्ण,
कुछ देख नहीं पा रहीं हूं मै कौन सी दिशा जाऊं,
माना हम मनुष्य अपने कर्मों का फल पाते है,
पर हर बार इतनी पीड़ा क्यूं कृष्ण,
माना कि आगे इससे भी अधिक पीड़ा है भाग्य में,
किंतु कृष्ण आपसे एक ही विनती करती हूं,
आप हर पल मेरा साथ निभाना।

हे कृष्ण,
मुझे और मेरे इस जीवन को बेहतर
सिर्फ आप ही समझते हो,
मेरा यह हौसला टूटने ना देना।
संग चलना ऐसे कि मैं हिम्मत के साथ,
आगे का कदम बढाऊं।

हे कृष्ण,
नहीं जानती मै आने वाला कल,
उम्मीद इससे क्या लगाऊं,
यह दुनियां तो दुखालय है,
तेरे नाम से इस सफर को सरल बनाऊं,
एक विश्वास की डोर बांधी है,
तुम हिम्मत देना हर कठिनाइयों का सामना कर पाऊं।




© कृष्ण_प्रिया