ज़रूरी है…!!!!
ज़िंदगियों के बाज़ार में….
टूटना भी है, बिखरना भी है, लेकिन फिर ज़िंदगी को ज़िंदगी के लिए सवाँरना ज़रूरी है,
किसी की जीत के लिए किसी का हारना जरूरी है।।
इमारत का एक दिन ढहना ज़रूरी है….
गर मोहब्बत हो एकतरफ़ा तो दर्दों को सहना जरूरी है।।
रोशन चिरागों के तले अंधेरा होना ज़रूरी है….
अंधेरी रातों का सवेरा होना जरूरी है।।
कभी-कभी दो दिलों के दरमियाँ फ़ासलें का मंज़र होना ज़रूरी है….
जब अंतर्मन में तूफान उठ रहा हो तो आंखों का समंदर होना ज़रूरी...
टूटना भी है, बिखरना भी है, लेकिन फिर ज़िंदगी को ज़िंदगी के लिए सवाँरना ज़रूरी है,
किसी की जीत के लिए किसी का हारना जरूरी है।।
इमारत का एक दिन ढहना ज़रूरी है….
गर मोहब्बत हो एकतरफ़ा तो दर्दों को सहना जरूरी है।।
रोशन चिरागों के तले अंधेरा होना ज़रूरी है….
अंधेरी रातों का सवेरा होना जरूरी है।।
कभी-कभी दो दिलों के दरमियाँ फ़ासलें का मंज़र होना ज़रूरी है….
जब अंतर्मन में तूफान उठ रहा हो तो आंखों का समंदर होना ज़रूरी...